बी ए - एम ए >> एम ए सेमेस्टर-1 - गृह विज्ञान - तृतीय प्रश्नपत्र - सामुदायिक विकास एवं प्रसार प्रबन्धन एम ए सेमेस्टर-1 - गृह विज्ञान - तृतीय प्रश्नपत्र - सामुदायिक विकास एवं प्रसार प्रबन्धनसरल प्रश्नोत्तर समूह
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एम ए सेमेस्टर-1 - गृह विज्ञान - तृतीय प्रश्नपत्र - सामुदायिक विकास एवं प्रसार प्रबन्धन
प्रश्न- सामुदायिक विकास की विधियों को समझाइये।
उत्तर -
(Method of Community Development)
सामुदायिक विकास कार्यक्रम के विभिन्न पहलुओं का विश्लेषण करते हुए यह सुझाव दिया गया कि सामुदायिक विकास के लिए नीचे दर्शायी गई तीन विधियों का समावेश आवश्यक है-
(अ) बहुविषयक वस्तु शिक्षा (Multi Subject Matter Education)
(ब) सहायता प्राप्त स्वयं चलाई गई परियोजनाएँ (Aided Self help Projects)
(स) स्थानीय संगठनों का विकास (Development of Local Organisations)
श्री जे० पाल० लीगन्स का कहना है कि सामुदायिक विकास रूपी उद्देश्य की प्राप्ति प्रसार शिक्षा रूपी विधि पर आधारित हैं। वहीं पर सामाजिक शिक्षा को भी विधि के रूप में स्वीकृति दी गयी है।
(अ) सामाजिक शिक्षा - ऐतिहासिक रूप में सामाजिक शिक्षा को बुनियादी शिक्षा (Fundamental Education), सामुदायिक शिक्षा (Community Education), जनशिक्षा (Mass Education) तथा प्रौढ़ शिक्षा ( Adult Education) कहा गया है। ऐसा प्रतीत होता है कि सामाजिक शिक्षा सामुदायिक विकास से पहले ही आरम्भ की गई जो कि निम्नलिखित कारणों से स्पष्ट है-
(1) चूँकि सामुदायिक विकास का उद्देश्य जनता के व्यवहार में परिवर्तन लाना है जो सामाजिक शिक्षा द्वारा सम्भव हो सकता है।
(2) नए स्वतंत्र और विकासशील देशों में प्रौढ़ शिक्षा या जनशिक्षा या जनशिक्षा प्रायः अनिवार्य है क्योंकि प्राइमरी शिक्षा के अभाव में अधिकतर लोग अनपढ़ हैं और बिना पढ़े स्थानीय नेतृत्व का विकास अथवा स्वायत्त शासित कार्यक्रम नहीं चल सकता है।
( 3 ) सभी सामाजिक योजनाओं में अच्छे बुद्धिमानों एवं अच्छे मस्तिष्कों की आवश्यकता अवश्यम्भवी है अतः प्रौढ़ शिक्षा अनिवार्य है।
(4) नयी तकनीकों को अपनाने हेतु भी शिक्षित लोग आवश्यक हैं जो सामुदायिक विकास कार्यक्रम द्वारा स्पष्ट है। अतः इस विधि द्वारा सामुदायिक विकास के उद्देश्य की पूर्ति शीघ्र होती है।
प्रसार शिक्षा - यदि सामुदायिक विकास योजना को संगठन (Organisation) और प्रसार - शिक्षा को प्रबन्धन (Management ) कहा जाये तो कोई अतिशयोक्ति न होगी क्योंकि संगठन शरीर की तरह तथा प्रबन्धन प्राण की भाँति कार्य करता है जिससे शरीर सजीव हो जाता है ठीक इसी के अनुरूप सामुदायिक विकास कार्यक्रम में प्रसार - शिक्षा की भूमिका श्रेयस्कर है जो कि निम्न बिन्दुओं से स्पष्ट हो जाता है-
(1) प्रसार - शिक्षा लोगों के व्यवहार में परिवर्तन लाने में पूर्णतया सक्षम है। इसमें सामुदायिक विकास का लक्ष्य पूरा होता है।
(2) ग्रामीण लोगों को समस्याओं की सही-सही जानकारी प्रसार शिक्षा द्वारा ही सम्भव है।
(3) प्रसार - शिक्षा द्वारा ही प्रशिक्षण व्यवस्था निर्धारित की जाती है।
(4) प्रसार - शिक्षा द्वारा प्रशासनिक नीति बनती है जिससे लक्ष्य प्राप्ति में सहायता मिलती है।
(5) क्योंकि प्रसार - शिक्षा कृषि पर आधारित व्यावहारिक ज्ञान है जो विकास की नीति निर्धारित करता है तथा अनुसंधान द्वारा प्राप्त की गई पद्धतियों के विवरण पर रोशनी डालता है। इस प्रकार से भी सामुदायिक विकास की लक्ष्य प्राप्ति में सहायता मिलती है।
(6) ग्रामीण जनता के ज्ञान, दृष्टिकोण एवं कौशल में वृद्धि करके प्रसार - शिक्षा उन्हें प्रगतिशील बनाने में सहायक है जिसके परिणामस्वरूप लोग स्वयं प्रेरित होकर नई तकनीकों को अपनाकर जीवन स्तर ऊपर उठाते हैं।
(ब) सहायता प्राप्त स्वयं चलाए गए प्रोजेक्ट - जनता में आत्मविश्वास पैदा करने, आत्मनिर्भरता बनाने, संगठनात्मक दक्षता उत्पन्न करने के लिए सामूहिक तौर पर समस्या का निदान करने में इस प्रकार की परियोजनाएँ बहुत ही उपयोगी होती है। अतः इस विधि द्वारा सामुदायिक विकास योजना के लक्ष्य प्राप्त किये जा सकते हैं।
(स) स्थानीय संगठनों द्वारा (By Local Organisation ) - गाँव में विकास परिषद् सहकारी समितियाँ, युवक दल, महिला दल का विकास करके भी सामुदायिक विकास योजना के लक्ष्य की पूर्ति होती है। अनुसंधानों द्वारा ज्ञात हुआ है कि अन्य विधियों का सामुदायिक विकास योजना का लक्ष्य पूर्ति में सर्वोच्च स्थान रहा है।
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- प्रश्न- प्रसार शिक्षा से आप क्या समझते हैं? प्रसार शिक्षा को परिभाषित कीजिए।
- प्रश्न- प्रसार शिक्षा की प्रमुख विशेषताएँ बताइये।
- प्रश्न- प्रसार शिक्षा का क्षेत्र समझाइए।
- प्रश्न- प्रसार शिक्षा के उद्देश्य बताइये।
- प्रश्न- गृह विज्ञान प्रसार शिक्षा से आप क्या समझते हैं? गृह विज्ञान प्रसार शिक्षा का क्षेत्र समझाइये।
- प्रश्न- गृह विज्ञान प्रसार शिक्षा के उद्देश्यों का विस्तार से वर्णन कीजिये।
- प्रश्न- गृह विज्ञान प्रसार शिक्षा की विशेषताएँ समझाइये।
- प्रश्न- ग्रामीण विकास में गृह विज्ञान प्रसार शिक्षा का महत्व समझाइये।
- प्रश्न- प्रसार शिक्षा, शिक्षण पद्धतियों को प्रभावित करने वाले प्रमुख तत्वों का वर्णन करो।
- प्रश्न- प्रसार कार्यकर्त्ता की भूमिका तथा गुणों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- दृश्य-श्रव्य साधन क्या हैं? प्रसार शिक्षा में दृश्य-श्रव्य साधन की भूमिका का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- सीखने और प्रशिक्षण की विधियाँ बताइए। प्रसार शिक्षण सीखने और प्रशिक्षण की कितनी विधियाँ हैं?
- प्रश्न- अधिगम या सीखने की प्रक्रिया में मीडिया की भूमिका बताइये।
- प्रश्न- अधिगम की परिभाषा देते हुए प्रसार अधिगम का महत्व बताइए।
- प्रश्न- प्रशिक्षण के प्रकार बताइए।
- प्रश्न- प्रसार कार्यकर्त्ता के प्रमुख गुण (विशेषताएँ) बताइये।
- प्रश्न- दृश्य-श्रव्य साधनों के उद्देश्य बताइये।
- प्रश्न- प्रसार शिक्षा की प्रमुख विशेषताएँ क्या हैं?
- प्रश्न- प्रसार शिक्षा के मूल तत्व बताओं।
- प्रश्न- प्रसार शिक्षा के अर्थ एवं आवश्यकता की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- श्रव्य दृश्य साधन क्या होते हैं? इनकी सीमाएँ बताइए।
- प्रश्न- चार्ट और पोस्टर में अन्तर बताइए।
- प्रश्न- शिक्षण अधिगम अथवा सीखने और प्रशिक्षण की प्रक्रिया को समझाइए।
- प्रश्न- सीखने की विधियाँ बताइए।
- प्रश्न- समेकित बाल विकास सेवा (ICDS) कार्यक्रम को विस्तार से समझाइए।
- प्रश्न- महिला सशक्तिकरण से आपका क्या तात्पर्य है? भारत में महिला सशक्तिकरण हेतु क्या प्रयास किए जा रहे हैं?
- प्रश्न- स्वच्छ भारत अभियान की विस्तारपूर्वक विवेचना कीजिए। इस अभियान के उद्देश्यों का उल्लेख करें।
- प्रश्न- 'बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ' योजना का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- उज्जवला योजना पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- स्वच्छ भारत अभियान घर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- भारत में राष्ट्रीय विस्तारप्रणाली की रूपरेखा को विस्तारपूर्वक समझाइए।
- प्रश्न- स्वयं सहायता समूह पर टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना का उद्देश्य बताइये।
- प्रश्न- स्वच्छ भारत अभियान पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- उज्जवला योजना के उद्देश्य बताइये।
- प्रश्न- नारी शक्ति पुरस्कार पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- स्वर्ण जयन्ती ग्राम स्वरोजगार योजना का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- स्वर्ण जयन्ती ग्राम स्वरोजगार योजना पर टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- प्रधानमंत्री मातृ वन्दना योजना क्या है? इसके लाभ बताइए।
- प्रश्न- श्रीनिकेतन कार्यक्रम के लक्ष्य क्या-क्या थे? संक्षिप्त में समझाइए।
- प्रश्न- भारत में प्रसार शिक्षा का विस्तार किस प्रकार हुआ? संक्षिप्त में बताइए।
- प्रश्न- महात्मा गाँधी के रचनात्मक कार्यक्रम के लक्ष्य क्या-क्या थे?
- प्रश्न- सेवा (SEWA) के कार्यों पर टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- कल्याणकारी कार्यक्रम का अर्थ बताइये। ग्रामीण महिलाओं और बच्चों के लिए बनाये गए कल्याणकारी कार्यक्रमों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- सामुदायिक विकास से आप क्या समझते हैं? सामुदायिक विकास कार्यक्रम की विशेषताएँ बताइये।
- प्रश्न- सामुदायिक विकास योजना का क्षेत्र एवं उपलब्धियों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- सामुदायिक विकास कार्यक्रम के उद्देश्यों को विस्तारपूर्वक समझाइए।
- प्रश्न- सामुदायिक विकास एवं प्रसार शिक्षा के अन्तर्सम्बन्ध की चर्चा कीजिए।
- प्रश्न- सामुदायिक विकास की विधियों को समझाइये।
- प्रश्न- सामुदायिक विकास कार्यकर्त्ता की विशेषताएँ एवं कार्य समझाइये।
- प्रश्न- सामुदायिक विकास योजना संगठन को विस्तार से समझाइए।
- प्रश्न- सामुदायिक विकास कार्यक्रम को परिभाषित कीजिए एवं उसके सिद्धान्तों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- समुदाय के प्रकार बताइए।
- प्रश्न- सामुदायिक विकास की विशेषताएँ बताओ।
- प्रश्न- सामुदायिक विकास के मूल तत्व क्या हैं?
- प्रश्न- सामुदायिक विकास योजना के अन्तर्गत ग्राम कल्याण हेतु कौन से कार्यक्रम चलाने की व्यवस्था है?
- प्रश्न- सामुदायिक विकास कार्यक्रम की सफलता हेतु सुझाव दीजिए।
- प्रश्न- सामुदायिक विकास योजना की विशेषताएँ बताओ।
- प्रश्न- सामुदायिक विकास के सिद्धान्त बताओ।
- प्रश्न- सामुदायिक संगठन की आवश्यकता क्यों है?
- प्रश्न- कार्यक्रम नियोजन से आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- सामुदायिक विकास कार्यक्रम क्या है?
- प्रश्न- प्रसार प्रबन्धन की परिभाषा, प्रकृति, सिद्धान्त, कार्य क्षेत्र और आवश्यकता बताइए।
- प्रश्न- नेतृत्व क्या है? नेतृत्व की परिभाषाएँ दीजिए।
- प्रश्न- नेतृत्व के प्रकार बताइए। एक नेता में कौन-कौन से गुण होने चाहिए?
- प्रश्न- प्रबंध के कार्यों को संक्षेप में समझाइए।
- प्रश्न- प्रसार शिक्षा या विस्तार शिक्षा (Extension education) से आप क्या समझते है, समझाइए।
- प्रश्न- प्रसार शिक्षा व प्रबंधन का सम्बन्ध बताइये।
- प्रश्न- विस्तार प्रबन्धन से आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- विस्तार प्रबन्धन की विशेषताओं को संक्षिप्त में समझाइए।
- प्रश्न- प्रसार शिक्षा या विस्तार शिक्षा की आवश्यकता क्यों पड़ती है?
- प्रश्न- विस्तार शिक्षा के महत्व को समझाइए।
- प्रश्न- विस्तार शिक्षा तथा विस्तार प्रबंध में क्या अन्तर है?